Tuesday, September 20, 2016

Dengue Fever

Dengue Fever


Dengue (pronounced DENgee) fever is a painful, debilitating mosquito-borne disease caused by any one of four closely related dengue viruses. These viruses are related to the viruses that cause West Nile infection and yellow fever.
An estimated 390 million dengue infections occur worldwide each year, with about 96 million resulting in illness. Most cases occur in tropical areas of the world, with the greatest risk occurring in:
  • The Indian subcontinent
  • Southeast Asia
  • Southern China
  • Taiwan
  • The Pacific Islands
  • The Caribbean (except Cuba and the Cayman Islands)
  • Mexico
  • Africa
  • Central and South America (except Chile, Paraguay, and Argentina)
Most cases in the United States occur in people who contracted the infection while traveling abroad. But the risk is increasing for people living along the Texas-Mexico border and in other parts of the southern United States. In 2009, an outbreak of dengue fever was identified in Key West, Fla.

Dengue fever is transmitted by the bite of an Aedes mosquito infected with a dengue virus. The mosquito becomes infected when it bites a person with dengue virus in their blood. It can’t be spread directly from one person to another person.

Symptoms of Dengue Fever

Symptoms, which usually begin four to six days after infection and last for up to 10 days, may include
Sometimes, symptoms are mild and can be mistaken for those of the flu or another viral infection. Younger children and people who have never had the infection before tend to have milder cases than older children and adults. However, serious problems can develop. These include dengue hemorrhagic fever, a rare complication characterized by high fever, damage to lymph and blood vessels, bleeding from the nose and gums, enlargement of the liver, and failure of the circulatory system. The symptoms may progress to massive bleeding, shock, and death. This is called dengue shock syndrome (DSS).
People with weakened immune systems as well as those with a second or subsequent dengue infection are believed to be at greater risk for developing dengue hemorrhagic fever.

Dengue Fever

Diagnosing Dengue Fever

Doctors can diagnose dengue infection with a blood test to check for the virus or antibodies to it. If you become sick after traveling to a tropical area, let your doctor know. This will allow your doctor to evaluate the possibility that your symptoms were caused by a dengue infection.

Treatment for Dengue Fever

There is no specific medicine to treat dengue infection. If you think you may have dengue fever, you should use pain relievers with acetaminophen and avoid medicines with aspirin, which could worsen bleeding. You should also rest, drink plenty of fluids, and see your doctor. If you start to feel worse in the first 24 hours after your fever goes down, you should get to a hospital immediately to be checked for complications.

Preventing Dengue Fever

There is no vaccine to prevent dengue fever. The best way to prevent the disease is to prevent bites by infected mosquitoes, particularly if you are living in or traveling to a tropical area. This involves protecting yourself and making efforts to keep the mosquito population down.
To protect yourself:
  • Stay away from heavily populated residential areas, if possible.
  • Use mosquito repellents, even indoors.
  • When outdoors, wear long-sleeved shirts and long pants tucked into socks.
  • When indoors, use air conditioning if available.
  • Make sure window and door screens are secure and free of holes. If sleeping areas are not screened or air conditioned, use mosquito nets.
  • If you have symptoms of dengue, speak to your doctor.
To reduce the mosquito population, get rid of places where mosquitoes can breed. These include old tires, cans, or flower pots that collect rain. Regularly change the water in outdoor bird baths and pets' water dishes.
If someone in your home gets dengue fever, be especially vigilant about efforts to protect yourself and other family members from mosquitoes. Mosquitoes that bite the infected family member could spread the infection to others in your home.

Monday, September 5, 2016

चिकनगुनिया (Chikungunya)


चिकनगुनिया बुखार (Chikungunya) एक वायरस बुखार है जो एडीज मच्छर एइजिप्टी के काटने के कारण होता है। चिकनगुनिया और डेंगू के लक्षण लगभग एक समान होते हैं।​ इस बुखार का नाम चिकनगुनिया स्वाहिली भाषा से लिया गया है, जिसका अर्थ है ''ऐसा जो मुड़ जाता है'' और यह रोग से होने वाले जोड़ों के दर्द के लक्षणों के परिणामस्वरूप रोगी के झुके हुए शरीर को देखते हुए प्रचलित हुआ है।

चिकनगुनिया के लक्षण (Symptoms of Chikungunya)
चिकनगुनिया में जोड़ों के दर्द के साथ साथ बुखार आता है और त्वचा खुश्क हो जाती है। चिकनगुनिया सीधे मनुष्य से मनुष्य में नहीं फैलता है। यह बुखार एक संक्रमित व्यक्ति को एडीज मच्छर के काटने के बाद स्वस्थ व्यक्ति को काटने से फैलता है। चिकनगुनिया से पीड़ित गर्भवती महिला को अपने बच्चे को रोग देने का जोखिम होता है।

चिकनगुनिया के लक्षण

चिकगुनिया के कारण (Causes of Chikungunya)
चिकनगुनिया मुख्य रूप से मच्छरों के काटने के कारण ही होता है। इसके सामान्य कारण निम्न हैं: 
  • मच्छरों का पनपना।  
  • रहने के स्थान के आसपास गंदगी होना। 
  • पानी का जमाव। 

सामान्य उपचार


चिकनगुनिया होने पर डॉक्टर की सलाह लेना सबसे जरूरी है। साथ ही चिकनगुनिया से पीड़ित रोगी को निम्न उपाय अपनाने चाहिए: 

चिकनगुनिया का प्राथमिक उपचार (Treatment of Chikungunya)
  • अधिक से अधिक पानी पीएं, हो सके तो गुनगुना पानी पीएं।
  • ज्यादा से ज्यादा आराम करें।
  • चिकनगुनिया के दौरान जोड़ों में बहुत दर्द होता है जिसके लिए डाॅक्टर की सलाह पर दर्द निवारक (Pain Killer) लें।
  • दूध से बने उत्पाद, दूध-दही या अन्य चीजों का सेवन करें।
  • रोगी को नीम के पत्तों को पीस कर उसका रस निकालकर दें।
  • रोगी के कपड़ों एवं उसके बिस्तर की साफ-सफाई पर खास ध्यान दें।
  • करेला व पपीता अधिक से अधिक खाएं।

चिकनगुनिया में बच्चों की देखभाल (Chikungunya in Children​)
  • बच्चों का खास ख्याल रखें। 
  • बच्चे नाजुक होते हैं और उनका इम्यून सिस्टम कमजोर होता है इसलिए बीमारी उन्हें जल्दी पकड़ लेती है। ऐसे में उनकी बीमारी को नजरअंदाज न करें।
  • बच्चे खुले में ज्यादा रहते हैं इसलिए इन्फेक्शन होने और मच्छरों से काटे जाने का खतरा उनमें ज्यादा होता है।
  • बच्चों घर से बाहर पूरे कपड़े पहनाकर भेजें। मच्छरों के मौसम में बच्चों को निकर व टी - शर्ट न पहनाएं। रात में मच्छर भगाने की क्रीम लगाएं।
  • अगर बच्चा बहुत ज्यादा रो रहा हो, लगातार सोए जा रहा हो, बेचैन हो, उसे तेज बुखार हो, शरीर पर रैशेज हों, उलटी हो या इनमें से कोई भी लक्षण हो तो फौरन डॉक्टर को दिखाएं।
  • आमतौर पर छोटे बच्चों को बुखार होने पर उनके हाथ - पांव तो ठंडे रहते हैं लेकिन माथा और पेट गर्म रहते हैं इसलिए उनके पेट को छूकर और रेक्टल टेम्प्रेचर लेकर उनका बुखार चेक किया जाता है। बगल से तापमान लेना सही तरीका नहीं है, खासकर बच्चों में। अगर बगल से तापमान लेना ही है तो जो रीडिंग आए, उसमें 1 डिग्री जोड़ दें। उसे ही सही रीडिंग माना जाएगा।

चिकुनगुनिया से राहत पाने के घरेलू उपाय (Home Remedies For Chikungunya)

चिकुनगुनिया एक तरह का वायरल बुखार है जो कि मच्छरों (mosquito) के कारण फैलता है। चिकुनगुनिया अल्फावायरस (alphavirus) के कारण होता है जो मच्छरों के काटने के दौरान मनुष्यों के शरीर में प्रवेश कर जाते हैं।
चिकुनगुनिया में जोड़ों में दर्द (joint pain), सिर दर्द (headache), उल्टी (vomit) और जी मिचलाने (nausea) के लक्षण उभर सकते हैं जबकि कुछ लोगों में मसूड़ों और नाक से खून (blood from gums and nose) भी आ जाता है। मच्छर काटने के लगभग बारह दिन में चिकुनगुनिया के लक्षण उभरते हैं। चिकुनगुनिया के उपचार के लिए बहुत से घरेलू नुस्खे हैं जिन्हें अपनाकर चिकुनगुनिया से खुद को बचाया जा सकता है।
1. पपीते की पत्ती (Papaya leaf)
पपीते की पत्ती न केवल डेंगू बल्कि चिकुनगुनिया में भी उतनी ही प्रभावी है। बुखार में शरीर के प्लेटलेट्स (platelates) तेजी से गिरते हैं, जिन्हें पपीते की पत्तियां तेजी से बढ़ाती हैं। मात्र तीन घंटे में पपीते की पत्तियां शरीर में रक्त के प्लेटलेट्स को बढ़ा देती हैं। उपचार के लिए पपीते की पत्तियों से डंठल को अलग करें और केवल पत्ती को पीसकर उसका जूस निकाल लें। दो चम्मच जूस दिन में तीन बार लें।
2. तुलसी और अजवायन (Tulsi aur ajwain)
तुलसी और अजवायन भी चिकुनगुनिया के उपचार के लिए बेहद अच्छी घरेलू औषधि हैं। उपचार के लिए अजवायन, किशमिश, तुलसी और नीम की सूखी पत्तियां लेकर एक गिलास पानी में उबाल लें। इस पेय को बिना छानें दिन में तीन बार पीएं।
3. लहसुन और सजवायन की फली (Garlic and drum stick)
लहसुन और सजवायन की फली चिकुनगुनिया के इलाज के लिए बहुत बढ़िया है। चिकुनगुनिया में जोड़ों में काफी दर्द होता है, ऐसे में शरीर की मालिश किया जाना बेहद जरूरी है। इसके लिए किसी भी तेल में लहसुन और सजवायन की फली मिलाकर तेल गरम करें और इस तेल से रोगी की मालिश करें।
4. लौंग (Laung or clove)
दर्द वाले जोड़ों पर लहसुन को पीसकर उसमें लौंग का तेल मिलाकर, कपड़े की सहायता से जोड़ों पर बांध दें। इससे भी चिकुनगुनिया के मरीजों को जोड़ों के दर्द से आराम मिलेगा, और शरीर का तापमान (body temprature) भी नियंत्रित होगा।
5. एप्सम साल्ट (Epsom salt)
एप्सम साल्ट की कुछ मात्रा गरम पानी में डालकर उस पानी से नहाएं। इस पानी में नीम की पत्तियां भी मिलाएं। ऐसा करने से भी दर्द से राहत मिलेगी और तापमान नियंत्रित होगा।
6. अंगूर (Grapes)
अंगूर को गाय के गुनगुने दूध के साथ लेने पर चिकुनगुनिया के वायरस मरते हैं लेकिन ध्यान रहे अंगूर बीजरहित हों।
7. गाजर (Carrot)
कच्ची गाजर खाना भी चिकुनगुनिया के उपचार में बेहद फायदेमंद है। यह रोगी की प्रतिरोधक क्षमता (immunity power) को बढ़ाती है साथ ही जोड़ों के दर्द से भी राहत देती है।

Thursday, September 1, 2016

ब्यूटी प्रॉडक्टस/Beauty Products

आज ग्लोबल मार्किट में ब्यूटी प्रॉडक्टस का उत्पादन इतना बढ गया है कि इसकी लागत मिलियन डॉलर तक पहुंच चुकी है लेकिन यह कीमत इंसानी जिन्दगी से कही ज्यादा कम है। 
 

कॉस्मैटिक में पैराबेन कैमिकल पाया जाता है जो कैंसर का कारण भी बन सकता है क्योंकि कैंसर के मरीजों का रिपोर्ट में पॉराबेन कैमिकल के लक्षण पाए गए हैं।


- इसके अलावा टैलकम पाऊडर और शॉवर जैल इस्तेमाल किए जाने वाले कैमिकल में कई तरह के कैमिक्ल पाए जाते हैं जो हमारी स्किन पर बहुत बुरा असर डालते हैं।


- लिपस्टिक में इस्तेमाल किया जाने वाला एल्युमिनियम कैमिक्ल बहुत खतरनाक है और इसके लक्षण शरीर में लंबे समय बाद दिखाई देते हैं।


कॉस्मैटिक में जिंक अॉक्साइड, बेरियम सल्फेट जैसे कैमिकल होते हैं। जो धीरे-धीरे शरीर को नुकसान पहुंचाते रहते हैं और इसका असर लंबे समय बाद दिखाई देता है। इनके इस्तेमाल से धीरे-धीरे शरीर के अंग जैसे किडनी और लीवर तक भी फेल हो सकते हैं।


इसके अलावा स्किन एलर्जी, आंखों में एलर्जी, पलकों का पतला होना और नाखूनों को नुकसान भी पहुंच सकता है।

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